आज हम भारत सरकार कि एक योजना "पीएफ" की बात कर रहे हैं, जो अक्सर "प्रोविडेंट फंड" (PF) का संक्षिप्त रूप होता है। क्या आप केंद्र सरकार की कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के बारे में जानना चाहते हैं जो भारत जैसे देशों में एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है या आपको व्यक्तिगत वित्त से संबंधित आपको अधिक जानकारी चाहिए तो मुझे बताएं! भारत में सरकार द्वारा संचालित सेवानिवृत्ति बचत योजना को कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कहा जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने में सहायता करना है। श्रम और रोजगार मंत्रालय का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इस कार्यक्रम की देखरेख करता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF Account)
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) एक सामाजिक सुरक्षा लाभ है जहां कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा निवेश करते हैं और नियोक्ता भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति बचत के लिए सैलरी के 12% के बराबर या कभी-कभी अधिक राशि का निवेश कर्मचारी के पक्ष में करते हैं। हर माह होने वाला यह निवेश कर्मचारी को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इस जमा राशि पर सरकार से व्याज भी मिलता है। ईपीएफ खाते(employee provident fund) में जमा कुल राशि का उपयोग कर्मचारी के सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने पर या इस्तीफा, बीमारी या उच्च शिक्षा जैसी कुछ स्थितियों के तहत किया जा सकता है। आसान शब्दों में इसे PF भी कहते है। खाता
खाते के लिए पात्रता
ईपीएफ सदस्यता उन कर्मचारियों के लिए खुली है जो ईपीएफ अधिनियम के तहत पंजीकृत कंपनियों में कार्यरत हैं। 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी में ₹15,000 प्रति माह तक कमाने वाले कर्मचारियों को ईपीएफ प्रणाली में भाग लेना आवश्यक है। ₹15,000 प्रति माह से अधिक कमाने वाले कर्मचारियों के पास स्वेच्छा से ईपीएफ में भाग लेने का विकल्प है। सभी योग्य कर्मचारियों के पास ईपीएफ खाता होना चाहिए, और नियोक्ताओं को ईपीएफओ के साथ पंजीकरण करना आवश्यक है।
ईपीएफ के लिए वेतन सीमा ₹15,000 प्रति माह है। यदि आपका मूल वेतन (और महंगाई भत्ता) ₹15,000 या उससे कम है तो ईपीएफ नामांकन अनिवार्य है। ₹15,000 से अधिक कमाने वाले कर्मचारियों के लिए, ईपीएफ भागीदारी स्वैच्छिक है। हालाँकि यदि वे योगदान करना चाहते हैं तो वे स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) का विकल्प चुनकर ऐसा कर सकते हैं।
काम करने का तरीका
- कर्मचारी का योगदान: एक कर्मचारी अपने मूल वेतन (साथ ही कोई भी लागू महंगाई भत्ता) का 12% कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान देता है। हालाँकि यदि कोई कर्मचारी प्रति माह ₹15,000 से कम कमाता है तो योगदान कुछ हद तक भिन्न हो सकता है।
- कर्मचारी पेंशन योजना: (EPS) को नियोक्ता के 12% योगदान का 8.33% प्राप्त होता है जबकि EPF खाते को शेष 3.67% प्राप्त होता है।
- ब्याज दर: सरकार सालाना EPF ब्याज दर की घोषणा करती है और ऐतिहासिक रूप से यह 8 से 8.5% वर्ष के बीच रही है (इसे 2024-2025 के लिए 8.15% पर सेट किया गया था)।
ईपीएफ के घटक
- कर्मचारी का योगदान- सैलरी से मूल वेतन का बारह प्रतिशत भाग वह है जो कर्मचारी योगदान देता है।
- नियोक्ता का योगदान- कर्मचारी के मूल वेतन का बारह प्रतिशत नियोक्ता योगदान देता है।
- उपार्जित ब्याज- ईपीएफ शेष पर अर्जित ब्याज की पूरी राशि।
- पेंशन योजना- कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) जिसका उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन लाभ प्रदान करना है नियोक्ता के योगदान (8.33%) का एक हिस्सा प्राप्त करता है।
खाते के लाभ
- सेवानिवृत्ति के लिए बचत- ईपीएफ यह सुनिश्चित करता है कि कर्मचारी अनिवार्य बचत योजना के रूप में कार्य करके सेवानिवृत्ति के लिए बचत करें। समय के साथ ब्याज और योगदान के कारण कोष का विस्तार होता है।
- योगदान पर कर छूट- आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत ईपीएफ में योगदान के लिए सालाना 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती उपलब्ध है। ईपीएफ ब्याज कर-मुक्त है। ईपीएफ एक वांछनीय निवेश है क्योंकि वहां अर्जित ब्याज कर-मुक्त है।
- कर-मुक्त निकासी- यदि आप विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करते हैं जैसे कि लगातार पाँच वर्षों तक सेवा करना तो आपका ईपीएफ बैलेंस पूरी तरह से कर-मुक्त है।
- सामाजिक सुरक्षा- कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों की पेंशन आय की गारंटी है। ईपीएफ विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में कवरेज प्रदान करके कर्मचारी के परिवार के लिए वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करता है।
- ऋण सुविधा- कुछ परिस्थितियों में जैसे कि आवास, चिकित्सा देखभाल या आगे की शिक्षा के लिए, ईपीएफ खाताधारक अपने ईपीएफ बैलेंस के खिलाफ उधार लेने के पात्र हो सकते हैं।
- ईपीएफ बैलेंस का ट्रांसफर- नौकरी बदलने पर कर्मचारियों के पास अपने ईपीएफ फंड को अपने नए नियोक्ता के ईपीएफ खाते में स्थानांतरित करने का विकल्प होता है। परिणामस्वरूप कर्मचारी की सेवानिवृत्ति निधि सुरक्षित रहती है।
योगदान की शुरूआत
कर्मचारियों के लिए EPF में अपना योगदान देना आसान है। यदि आप किसी ऐसे व्यवसाय के लिए काम करते हैं जो ईपीएफ अधिनियम के तहत पंजीकृत है तो आपका नियोक्ता आपके लिए ईपीएफ खाता खोल देगा। आपको कोई कार्रवाई करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप स्वेच्छा से ईपीएफ में शामिल होना चाहते हैं और प्रति माह ₹15,000 से अधिक कमाना चाहते हैं तो आप योगदान करना चुन सकते हैं। अपनी कंपनी के माध्यम से आवेदन करना एक विकल्प है।
अगर आप एक कंपननी है तो इसके लिए यह कार्य करने होंगे।
नियोक्ताओं को अपने व्यवसाय को EPFO के साथ पंजीकृत करना होगा और अपने कर्मचारियों को EPF योजना तक पहुँच प्रदान करनी होगी। इसके लिए EPFO पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है। EPFO ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के माध्यम से नियोक्ताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मासिक आधार पर योगदान दिया जाए।
ईपीएफ को मैनेज करने के लिए ईपीएफओ पोर्टल का उपयोग करना चाहिए। ईपीएफओ का एकीकृत पोर्टल आपको अपने ईपीएफ खाते को ऑनलाइन मैनेज करने की सुविधा देता है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं।
- ईपीएफ बैलेंस की पुष्टि करना- आप अपने यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) का उपयोग करके ऑनलाइन या एसएमएस के माध्यम से अपना ईपीएफ बैलेंस देख सकते हैं।
- यूएएन एक्टिवेशन- अपना ईपीएफ बैलेंस देखने और योगदान की निगरानी करने और अन्य कार्य करने के लिए यदि आपने पहले से ऐसा नहीं किया है तो आपको पहले अपना यूएएन एक्टिवेट करना होगा।
- ईपीएफ निकालें या ट्रांसफर करें- जब आप रिटायर होते हैं या नौकरी बदलते हैं तो आप अपने ईपीएफ बैलेंस को ऑनलाइन निकालने या ट्रांसफर करने के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
पीएफ खाते से निकासी
सेवानिवृत्ति पर 58 वर्ष की आयु तक पहुँचने के बाद आप अपना ईपीएफ निकाल सकते हैं। यदि आप अपनी नौकरी छोड़ देते हैं तो आपका ईपीएफ बैलेंस निकाला जा सकता है। हालाँकि पाँच साल की सेवा पूरी होने से पहले की गई निकासी पर कर लग सकता है। ई पी एफ खाते से शादी करने, स्कूल जाने, चिकित्सा सेवा प्राप्त करने या घर खरीदने जैसी चीज़ों के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है। लेकिन कुछ प्रतिबंध हैं।
ईपीएफ में हाल ही में हुए बदलाव
हाल के वर्षों में ब्याज दर में थोड़ी कमी की गई है लेकिन यह अभी भी दीर्घकालिक बचत के लिए एक प्रतिस्पर्धी निवेश बना हुआ है। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) की शुरूआत ने ईपीएफ प्रबंधन को सरल बना दिया है और कर्मचारियों को अपने खातों को ट्रैक करने, शेष राशि को स्थानांतरित करने और व्यक्तिगत विवरण को अधिक आसानी से अपडेट करने की अनुमति देता है। ईपीएफओ पोर्टल पर ऑनलाइन दावा प्रणाली के माध्यम से ईपीएफ निकासी और हस्तांतरण प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो गई है, जिससे कागजी कार्रवाई कम हो गई है और दक्षता में सुधार हुआ है।
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु
- यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर): प्रत्येक ईपीएफ खाताधारक को दिया जाने वाला एक अनूठा नंबर। यदि आप नौकरी बदलते हैं तो यह आपके ईपीएफ खातों को समेकित करने में मदद करता है।
- नामांकित व्यक्ति- आप अपने ईपीएफ खाते में एक नामांकित व्यक्ति को नियुक्त कर सकते हैं, जो आपकी मृत्यु की स्थिति में शेष राशि का दावा कर सकता है।
- ब्याज दरें: ईपीएफ ब्याज दर तय नहीं है और सरकार के निर्णय के आधार पर सालाना बदल सकती है।
भारत में कर्मचारी भविष्य निधि खाता निवेश और बचत का सुरक्षित रास्ता है। यह सरकार की महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा योजना है जो यह सुनिश्चित करती है कि कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के लिए कर मुक्त बचत करें और साथ ही कर लाभ और सामाजिक सुरक्षा का लाभ भी उठाएँ। यह कर लाभ, नियोक्ता योगदान और गारंटीकृत ब्याज दर के साथ एक प्रभावी दीर्घकालिक बचत उपकरण है। यदि आप कार्यरत हैं और आपका संगठन EPF अधिनियम के अंतर्गत आता है, तो आप स्वचालित रूप से नामांकित हो जाते हैं और यदि नहीं तो आप स्वेच्छा से ऑप्ट-इन कर सकते हैं। EPFO के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के साथ EPF बैलेंस को प्रबंधित करने, निकालने और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया भी बहुत आसान हो गई है।
कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI)
EMPLOYEE DEPOSIT LINKED INSURANCE उन कर्मचारियों को जीवन बीमा कवरेज प्रदान करता है जो EPF योजना का हिस्सा हैं। नियोक्ता इस बीमा के लिए कर्मचारी के मूल वेतन (₹15,000 की सीमा के अधीन) का 0.50% योगदान देता है। EDLI के तहत अधिकतम बीमा कवरेज ₹7 लाख (₹15,000 या उससे अधिक वेतन वाले कर्मचारी के लिए) है। कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, नामित व्यक्ति इस राशि का दावा कर सकता है। कर्मचारी किसी ऐसे व्यक्ति को नामित कर सकता है जो उनकी मृत्यु की स्थिति में EDLI लाभ प्राप्त करेगा।
ब्याज की गणना ब्याज दर
भारत सरकार EPF के लिए वार्षिक ब्याज दर की घोषणा करती है, जो कर-मुक्त है। दर साल-दर-साल अलग-अलग हो सकती है। हाल के वर्षों में यह लगभग 8-8.5% रही है। EPF खाते में मौजूद शेष राशि पर ब्याज सालाना चक्रवृद्धि होता है। ब्याज की गणना खाते के मासिक समापन शेष पर की जाती है। ईपीएफ में नियोक्ता के योगदान पर अर्जित ब्याज भी खाताधारक को मिलता है जो संचित शेष राशि में जुड़ जाता है।
ईपीएफ पर कराधान
ईपीएफ में प्रति वर्ष ₹1.5 लाख तक का योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए योग्य है। ईपीएफ पर अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10(12) के तहत कर से मुक्त है जो इसे सेवानिवृत्ति बचत के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है। ईपीएफ का कर उपचार सेवा की अवधि और निकासी के प्रकार पर निर्भर करता है। अगर आप 5 साल की निरंतर नौकरी (सेवा) करने के बाद बिना कोई टैक्स दिए निकासी कर सकते है। वहीं 5 साल से पहले दिया गया योगदान और अर्जित ब्याज निकालना चाहते है तो यह कर के अधीन होगा। यदि ईपीएफ में शेष राशि ₹50,000 से अधिक है और 5 साल से पहले निकाली जाती है तो 10% टीडीएस (tax deduction at source) लागू होता है। हालांकि यदि आप पैन विवरण प्रदान करते हैं तो टीडीएस कम हो जाएगा। यदि आप सेवानिवृत्ति तक ईपीएफ की शेष राशि बरकरार रखते हैं तो यह कर-मुक्त रहता है जिससे यह एक बेहतरीन दीर्घकालिक निवेश बन जाता है।
खाते से निकासी की शर्तें
आप सेवानिवृत्त होने पर(58 वर्ष की आयु में) पूरा ईपीएफ बैलेंस निकाल सकते हैं और यह कर-मुक्त होगा। यदि आप अपनी नौकरी छोड़ देते हैं तो ईपीएफ बैलेंस निकाला जा सकता है। यदि आप नौकरी बदलते हैं तो ईपीएफ बैलेंस को नए नियोक्ता के ईपीएफ खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। आंशिक निकासी के लिए चिकित्सा आपात स्थिति, घर खरीदना या बच्चों की शिक्षा जैसी विशिष्ट शर्तें लागू होती हैं। यदि आपने एक ही नियोक्ता के साथ 5 साल की निरंतर सेवा पूरी नहीं की है तो आपका ईपीएफ निकासी कर योग्य होगा। 5 साल की सेवा के बाद भले ही आप नौकरी छोड़ दें निकासी कर-मुक्त है। हालाँकि यदि आप 5 साल से पहले नौकरी छोड़ते हैं तो टीडीएस लागू होता है।
नौकरी बदलते समय खाता कैसे ट्रांसफर करें
अगर आप नौकरी बदलना चाहते है तो आप नए संस्था के EPF खाता जारी रख सकते है। अपने EPF बैलेंस को नए नियोक्ता के EPF खाते में ट्रांसफर करके ऐसा किया जा सकता हैं। यह UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) के ज़रिए आसानी से हो सकता है और आप EPFO पोर्टल के ज़रिए ट्रांसफर की स्थिति की जांच कर सकते हैं। अगर ट्रांसफर 5 साल की निरंतर सेवा की शर्त के भीतर होता है तो EPF बैलेंस ट्रांसफर पर टैक्स नहीं लगता है।
ईपीएफ बैलेंस और विवरण कैसे चेक करें
EPF ACCOUNT के साथ कर्मचारी को एक यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) दिया जाता है। यह प्रत्येक ईपीएफ खाताधारक को दिया जाने वाला एक अद्वितीय 12-अंकीय नंबर होता है। यह आपके सभी ईपीएफ खातों को समेकित करने में मदद करता है। जिससे आपकी बचत को ट्रैक करना और प्रबंधित करना आसान हो जाता है। अपना ईपीएफ बैलेंस चेक करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय (ईपीएफइंडिया वेबसाइट) आप अपना यूएएन नंबर और पासवर्ड डालकर अपना ईपीएफ बैलेंस चेक करने के लिए ईपीएफओ सदस्य पोर्टल पर जा सकते हैं। ईपीएफओ इंडिया मोबाइल ऐप के जरिये भी आप अपना बैलेंस चेक कर सकते हैं। अगर आपने अपना यूएएन अपने मोबाइल नंबर से लिंक किया है तो आप अपना बैलेंस विवरण प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ यूएएन लिखकर 7738299899 पर एसएमएस भेज सकते हैं। आप 011-22901406 पर मिस्ड कॉल देकर भी बैलेंस चेक कर सकते हैं।
नए विकास और डिजिटल सेवाएँ
EPFO अपनी सेवाओं को डिजिटल बनाने के लिए प्रयास कर रहा है ताकि कर्मचारियों के लिए अपने EPF खातों का प्रबंधन करना आसान हो सके। UAN EPF खातों के प्रबंधन के लिए केंद्रीय संख्या है। यह कई नौकरियों के खातों को समेकित करता है और कर्मचारियों को EPFO पोर्टल से अपने EPF शेष और अन्य सेवाओं तक पहुँचने की अनुमति देता है। EPF सदस्य अब EPFO पोर्टल के माध्यम से अपना शेष निकाल सकते हैं या ऑनलाइन दावा दायर कर सकते हैं। प्रक्रिया तेज़ है और आपको EPF कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। आप चिकित्सा स्थितियों, विवाह या घर के निर्माण जैसी आपात स्थितियों के लिए अपने EPF शेष के विरुद्ध अग्रिम राशि का अनुरोध कर सकते हैं। यह EPFO पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है।
हाल ही में हुए बदलाव और सुधार
हाल ही में सरकार ने EPF के लिए कर-मुक्त योगदान सीमा बढ़ा दी है जिससे वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए यह अधिक आकर्षक हो गया है। EPF अधिनियम में संशोधन करके अनुबंधित कर्मचारियों के लिए EPF में योगदान करना अनिवार्य कर दिया गया है यदि कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी हैं। फ्रीलांसरों और स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए EPF को आसान कर दिया है। फ्रीलांसर और स्व-नियोजित व्यक्ति भी स्वैच्छिक रूप से EPF में योगदान कर सकते हैं। वे एक अलग EPF खाते में अपने स्वयं के योगदान के माध्यम से स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। यदि आप स्व-नियोजित हैं तो भी आप EPF खाता खोलने के लिए EPFO से संपर्क कर सकते हैं और स्वैच्छिक योगदान कर सकते हैं। कर लाभ समान हैं लेकिन नियोक्ता का योगदान लागू नहीं होगा।
पैसे बचाने का तरीका
अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में बचत को अधिकतम करने के लिए इन रणनीतियों पर विचार करें।
- अपना स्वैच्छिक योगदान (वीपीएफ) अधिक करें। जबकि आपको आपके वेतन का 12% भाग का योगदान करना अनिवार्य है। आप स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) के माध्यम से अधिक स्वैच्छिक निवेश कर सकते हैं। यह अतिरिक्त निवेश कर-मुक्त ब्याज भी अर्जित करता है। जिससे आपकी सेवानिवृत्ति बचत बढ़ जाती है।
- नियोक्ता के सहयोग को अधिकतम स्तर पर ले जाये। सुनिश्चित करें कि आपका नियोक्ता पूरा 12% निवेश कर रहा है। यह आपके सेवानिवृत्ति कोष का एक महत्वपूर्ण घटक है। यदि आपकी कंपनी मिलान योगदान जैसे कोई अतिरिक्त लाभ प्रदान करती है तो उसका पूरा लाभ उठाएँ।
- कर बचत के लिए ईपीएफ का उपयोग करें। धारा 80सी के तहत सालाना ₹1.5 लाख तक का योगदान कर कटौती के लिए पात्र है। आप इस लाभ का अधिकतम लाभ उठाने के लिए अपने योगदान की योजना बना सकते हैं।
- ईपीएफ लगभग 8% (वर्ष के आधार पर) की चक्रवृद्धि ब्याज दर अर्जित करता है। अपने निवेश को बरकरार रखते हुए और समय के साथ इसे बढ़ने देने से आप चक्रवृद्धि की शक्ति से लाभान्वित होते हैं। आपके कर्मचारी भविष्य निधि में निरंतर वृद्धि बनाए रखने और कर देनदारियों से बचने के लिए नौकरी बदलते समय हमेशा अपना EPF ट्रांसफर करें। 5 साल से पहले निकासी के विपरीत ट्रांसफर किए जाने पर EPF बैलेंस टैक्स-फ्री रहता है।
ईपीएफ का दावा कौन कर सकता है?
कोई भी कर्मचारी जो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में योगदान देता है वह विशिष्ट परिस्थितियों में अपने ईपीएफ बैलेंस का दावा कर सकता है। जब आप 58 वर्ष की आयु तक पहुँच जाते हैं तो आप अपने पूरे ईपीएफ बैलेंस का दावा कर सकते हैं। यदि आप अपनी नौकरी छोड़ते हैं या कंपनी बदलते हैं तो आप अपने ईपीएफ बैलेंस को निकाल सकते हैं या अपने नए नियोक्ता के खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं। आप चिकित्सा उपचार, घर खरीदने या उच्च शिक्षा जैसी आपात स्थितियों के लिए अपने ईपीएफ का एक हिस्सा शर्तों के अधीन निकाल सकते हैं।
कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में नामांकित व्यक्ति ईपीएफ बैलेंस का दावा कर सकता है। दावों के दौरान जटिलताओं से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आपके ईपीएफ खाते में कोई नामांकित व्यक्ति हो। यदि किसी कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है तो वे कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन के लिए पात्र हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वे इस पेंशन का दावा कर सकते हैं।
ईपीएफ पर पैसे कैसे बचाएं
अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते(ईपीएफ) में अधिक बचत करने के लिए इन रणनीतियों पर विचार कर सकते है।
- अपना स्वैच्छिक योगदान (वीपीएफ) बढ़ाएँ: जबकि आपके वेतन का 12% अनिवार्य है, आप स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) के माध्यम से अधिक स्वैच्छिक योगदान कर सकते हैं। यह अतिरिक्त योगदान कर-मुक्त ब्याज भी अर्जित करता है, जिससे आपकी सेवानिवृत्ति बचत बढ़ जाती है।
- नियोक्ता योगदान को अधिकतम करें: सुनिश्चित करें कि आपका नियोक्ता पूरा 12% योगदान देता है। यह आपके सेवानिवृत्ति कोष का एक महत्वपूर्ण घटक है। यदि आपकी कंपनी कोई अन्य अतिरिक्त सुविधा प्रदान करती है तो उसका लाभ उठाकर फायदा ले सकते है।
- कर बचत के लिए ईपीएफ का उपयोग करें: आयकर की धारा 80सी के तहत सरकार सालाना ₹1.5 लाख तक के निवेश को कर कटौती से मुक्त रखती है। आप अधिकतम 1.5 लाख रू. तक के लाभ का अधिकतम लाभ उठाने के लिए अतिरिक्त निवेश करने की योजना बना सकते हैं।
- दीर्घकालिक वृद्धि: ईपीएफ लगभग 8% (वर्ष के आधार पर) की चक्रवृद्धि ब्याज दर अर्जित करता है। अपने योगदान को बरकरार रखते हुए और समय के साथ इसे बढ़ने देने से, आप चक्रवृद्धि की शक्ति से लाभान्वित होते हैं। नौकरी बदलते समय ट्रांसफर करें: निरंतर वृद्धि बनाए रखने और कर देनदारियों से बचने के लिए नौकरी बदलते समय हमेशा अपना EPF ट्रांसफर करें। 5 साल से पहले निकासी के विपरीत, ट्रांसफर किए जाने पर EPF बैलेंस कर-मुक्त रहता है। इन रणनीतियों को अधिकतम करने से आपके भविष्य के लिए इष्टतम बचत और विकास सुनिश्चित होता है।
निष्कर्ष
हालांकि यह अनिवार्य नहीं है की फ्रीलांसर या स्व-नियोजित व्यक्ति स्वैच्छिक भविष्य निधि (वीपीएफ) में स्वैच्छिक रूप से योगदान कर सकते हैं और सेवानिवृत्ति या नौकरी बदलने पर उसी तरह इसका दावा कर सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) भारत में कर्मचारी योगदान, नियोक्ता योगदान और ब्याज के माध्यम से दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन प्रदान करती है और EDLI योजना कर्मचारियों के लिए जीवन बीमा कवरेज प्रदान करती है। कर-मुक्त लाभ और ब्याज इसे बचत के लिए एक उत्कृष्ट उपकरण बनाते हैं। इसके अतिरिक्त, UAN आपके EPF खाते को ऑनलाइन प्रबंधित करने और ट्रैक करने का एक सुविधाजनक तरीका प्रदान करता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें